इस प्रकार के नमक खाने से सेहत और स्वाद दोनों सुधरेगा | वैकल्पिक नमक क्या होता है और इसके फायदे - True Gyan

इस प्रकार के नमक खाने से सेहत और स्वाद दोनों सुधरेगा | वैकल्पिक नमक क्या होता है और इसके फायदे


नमक खाने में स्वाद जोड़ता है और सेहत को दुरुस्त रखता है। लेकिन, थोड़ी सी भी मात्रा का इधर - उधर होने पर खाने का जायका और सेहत का हाल दोनों बिगड़ सकते है। अब वैज्ञानिक ने सुझाव दिया है कि नमक का कोई भी विकल्प सेहत और स्वाद दोनों सुधरने में कारगर हो सकता है। 


दोस्तों हम सब जानते है कि नमक में सोडियम की मात्रा होती है और सोडियम उन दो प्राथमिक तत्वों में से है जिनसे नमक बनता है। खाने में सोडियम की अतिरिक्त मात्रा और स्वास्थ्य सम्बन्धी मुद्दों के बीच के सम्बन्ध की जाँच कर चुके है, जैसे दिल के रोगों का जोखिम आदि। 


अन्य अध्ययनों में भी आहार में अपर्याप्त पोटैशियम की मात्रा के सेहत पर होने वाले प्रभावों को देखा गया है। शरीर में पोटेशियम की कम मात्रा का रक्तचाप (Blood Pressure) पर नकारात्मक असर पड़ता है। 


ऐसे में नमक का सेहतमंद सही मात्रा समस्यायों को कम कर सकता है। हालाकिं नमक के कुछ विकल्प आये भी है, मगर इसके बावजूद स्ट्रोक, हृदय रोग और मृत्यु पर उनके प्रभाव को मापने वाले बड़े नैदानिक परीक्षणों की कमी रहे है कि वैकल्पिक नमक कितने प्रभावी है। 


चीन में हुए व्यापक अध्ययन में इस बात का सुझाव दिया गया है कि नमक का विकल्प हर तरह से फायदेमंद साबित होगा। 


दुनियाभर में लगभग हर कोई नमक की जरुरी मात्रा से अधिक ही सेवन करता है। शोधकर्ताओं ने अपने निष्कर्षों में कहा कि अगर दुनियाभर में नमक की जगह किसी सेहतमंद वैकल्पिक नमक का इस्तेमाल किया जाये तो हर साल समयपूर्व होने वाली लाखों मौतें रोकी जा सकेंगी। 


नील और उनकी टीम ने 600 ग्रामीण क्षेत्रों से 20,000 से अधिक ग्रामीणों की जाँच की। प्रतिभागियों को शामिल करने से पहले उनमे स्ट्रोक, ख़राब रक्तचाप आदि का इतिहास देखा गया। प्रतिभागियों को दो समूह में बाँटकर आधे को वैकल्पिक नमक दिया गया। 


जिसमे सोडियम की मात्रा कम और पोटेसियम की मात्रा अधिक थी। इस बीच दूसरे समूह में खाने में नमक का वैसा इस्तेमाल जारी रखा, जैसे करते आ रहे थे। अध्ययन के अंत में दोनों समूहों के स्वास्थ्य परिणाम एक दूसरे के विपरीत थे। 


लगभग पांच साल बाद प्रतिभागियों में से 4,000 से अधिक प्रतिभागियों की मृत्यु हो गयी, जिनमे 3,000  से अधिक की मृत्यु का कारण स्ट्रोक था। वहीं 5,000 से अधिक प्रतिभागी दिल के मरीज बने। यह परिणाम ख़राब थे लेकिन अप्रत्याशित नहीं है। 


वहीं वैकल्पिक नमक का इस्तेमाल करने वाले नियंत्रण समूह में स्ट्रोक व अन्य खतरों की संभावना देखी गयी। दिल के रोगी भी कम लोग बने। शोधकर्ताओं का कहना है कि परिणाम दर्शाते है कि नमक का विकल्प हर साल अनुमानित 460,000 लोगों के जीवन को बचा सकता है।