ज्यादा टीवी देखने से हृदयघात का जोखिम, हार्टअटैक आने की भी संभावना - True Gyan

ज्यादा टीवी देखने से हृदयघात का जोखिम, हार्टअटैक आने की भी संभावना



एक नए अध्ययन से दावा किया गया है कि जो वयस्क दिन में आठ घंटे से अधिक टीवी देखते है अथवा पढ़ने या गेमिंग जैसे अन्य गतिहीन गतिविधियों में ज्यादा समय बिताते है उनमे हृदयघात(स्ट्रोक) की संभावना सात गुना तक अधिक होती है। 


अधिक टीवी देखने वालो को अक्सर आँखे ख़राब होने का डर दिखाया जाता है। मगर शोधकर्ताओं की माने तो टीवी की लत ना सिर्फ आँखों की सेहत के लिए ख़राब है , बल्कि दिल के लिए भी ठीक नहीं है। 


कम शारीरिक गतिविधि वालों में मामले अधिक :-

कनाडा के कैलगरी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने औसतन 9.4 वर्षों तक 1,43,000 वयस्कों के स्वस्थ और जीवनशैली के निगरानी की। निष्कर्षो में पाया गया कि इस अवधि में 2,965 स्ट्रोक के मामले सामने आये। इसकी दर उन लोगों से अधिक थी , जिन्होंने गतिहीन गरिविधियों में अधिक समय बिताया और व्यायाम कम किया या शारीरिक सक्रियता वाले कार्यों में कम लिप्त रहे। 


अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार अमेरिकी वयस्क अपने टीवी , फोन या कंप्यूटर पर प्रतिदिन औसतन 10.5 घंटे बिताते है। 50 - 60 आयु वर्ग के वयस्कों में यह दर और भी अधिक है। 


यह समझना महत्वपूर्ण है कि बहुत अधिक मात्रा में गतिहीन समय बिताना , युवाओं में स्ट्रोक का कारण बन सकता है। स्ट्रोक से समय पूर्ण मृत्यु हो सकती है या कार्य और जीवन गुणवत्ता में काफी कमी आ सकती है। अध्ययन की शुरुआत में सभी प्रतिभागिओं में कैंसर , हृदय रोग या स्ट्रोक का कोई इतिहास नहीं था। प्रत्येक ने गतिहीन गतिविधियों में बिताये समय की मात्रा के आधार पर टीम ने विषयों को चार समूहों में विभाजित किया। 


शोधकर्ताओं ने अध्ययन के दौरान स्ट्रोक पीड़ितों की पहचान के लिए अस्पताल के रिकॉर्ड का उपयोग किया। इसमें टीवी देखना , कंप्यूटर का उपयोग करना या पढ़ना शामिल था। साथ ही रोजाना की शारीरिक गतिविधि के आधार पर भी उन्हें समूह में बांटा गया। सबसे कम गतिविधि दस मिनट की चहलकदमी थी। 



शोधकर्ताओं ने पाया कि पूरे अध्ययन में 2,965 स्ट्रोक के मामले हुए। इनमे से 90 प्रतिशत इस्केमिक स्ट्रोक थे , जो तब होते है जब दिमाग को रक्त की आपूर्ति करने वाली नस बाधित हो जाती है। 


पूर्व शोध में भी देखा गया है कि वयस्क जितना अधिक समय गतिहीन गतिविधियों में बिताते है स्ट्रोक सहित अन्य हृदय रोगों का खतरा उतना ही अधिक होता है। यह भी पाया गया कि दस में से नौ स्ट्रोक के मामले आसानी से संशोधित होने वाले जोखिम कारकों से जुड़े है , जैसे ज्यादा देर तक बैठना। 


प्रमुख अध्ययनकर्ता न्यूरोलॉजिस्ट रायड जौंडी ने कहा कि अमेरिका और कनाडा में गतिहीन समय तेजी से बढ़ रहा है। गतिहीन समय दरअसल शारीरिक सक्रियता वाली गतिविधियों में शुमार होने का समय होता है, जो बैठे रहकर या लेटकर टीवी देखने में गुजरता है।