दोस्तों से ज्यादा फोन को महत्व देने से अवसाद(depression) का संकेत अधिक, Relationship पर भी असर - True Gyan

दोस्तों से ज्यादा फोन को महत्व देने से अवसाद(depression) का संकेत अधिक, Relationship पर भी असर



अक्सर दोस्तों या परिवार के सदस्यों के साथ बैठते वक्त लोगों का ध्यान बातचीत से ज्यादा अपने फ़ोन पर होता है। वह दोस्तों की अनदेखी करते हुए अपने फोन में व्यस्त रहते है। इस व्यवहार को फबिंग(Fubing) के रूप में जाना जाता है।


 मगर यह व्यवहार चिंताजनक है। एक हाल ही में चले अध्ययन से पता चला है कि 'फबर्स' जो अपने दोस्तों को नजरअंदाज करते हुए अपने फोन में मशगूल रहते है , उनमें कुछ मानसिक सम्बन्धी समस्याएं होने की संभावना अधिक होती है। 


शोधकर्ताओं ने पाया कि बिना अवसाद वालों की तुलना में अवसादग्रस्त लोग पार्टी , पब , कैफे या अन्य सामाजिक स्थिति में अपने दोस्तों की अनदेखी ज्यादा करते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक इसके अलावा सामाजिक रूप से चिंताग्रस्त ऐसे लोग जो आमने - सामने संवाद की बजाय ऑनलाइन सामाजिक बातचीत को अधिक पसंद करते है। उनके व्यवहार में भी फबिंग दिखाई देती है। 


हालांकि पिछले अधययनो में कई अलग - अलग रिश्तों में फबिंग की जाँच की गई है - जैसे कि प्रेमी - प्रेमिका या माता - पिता और बच्चों के बीच। मगर उनका दावा है कि फ्रेंड फबिंग के बारे में बहुत कम जानकारी है। शोध में ये बात भी सामने आयी कि जो लोग मानसिक रूप से पीड़ित होते है , वे मोबाइल फोन के सम्पर्क में सबसे ज्यादा रहते है। 


ओकलाहोमा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 472 प्रतिभागियों पर अधययन किया। सभी की उम्र औसतन 19 साल थी। प्रतिभागियों से रोजाना स्मार्टफोन उपयोग करने की अवधि और पैटर्न के बारे में पूछा गया। 


साथ ही यह भी पूछा की उन्होंने अपने फोन का सबसे अधिक उपयोग किस तरह किया , जैसे कि टेक्स्ट मैसेजिंग , कालिंग , गेमिंग या फोटो लेने आदि में। प्रतिभागियों में सामाजिक चिंता , सहमतता , विक्षिप्तता और दोस्ती की संतुष्टि का भी मूल्यांकन किया गया। 


परिणामों से पता चला कि उच्च सत्तर के अवसाद , सामाजिक चिंता और विक्षिप्तता वाले लोग अधिक फ्रेंड फबिंग से जुड़े थे। यह भी देखा गया कि फोन के चक्कर में दोस्तों की अनदेखी करने वालों में दोस्ती में संतुष्टि कम थी। 



वही जिन लोगों में दोस्तों के साथ फोन के इस्तेमाल करने सम्बन्धी व्यवहार नहीं था , उनकी दोस्ती में मजबूती देखी गयी। उनमें सहयोग , विनम्रता , दयालुता , और मैत्रीपूर्ण व्यवहार अधिक था। 


ओक्लाहोमा विश्वविद्यालय में डायरेक्टर के उम्मीदवार जुह्युन्ग सन ने इस अध्ययन का नेतृत्व किया है , जो कि दिन - प्रतिदिन की बातचीत में फबिंग की मात्रा से प्रभावित थे। उनका कहना है कि मैंने इस बात पर गौर किया कि बहुत से लोग अपने फोन में व्यस्त रहते है , जब वह कैफे में होने दोस्तों के साथ बैठे होते है , डिनर कर रहे होते है। चाहे उनके बीच रिश्ते कैसे भी हो , होने फोन पर नोटिसफिकेशन को लेकर लोग बेहद संवेदनशील होते है।