स्वतंत्रा दिवस की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर HAL कानपुर ने भारत के पहले फिक्स्ड विंग सिविल वायुयान 'हिंदुस्तान - 228' का निर्माण कर मेक इन इंडिया के अभियान तहत बड़ी उपलब्धि हासिल की। डायरेक्टर जनरल ऑफ़ सिविल एविएशन (DGCA) से सर्टिफिकेशन लेने के बाद 'हिदुस्तान - 228' लो स्पीड टेक्सी ट्रायल भी किया गया।
HAL परिवहन वायुयान प्रभाग (TAD) की यह सफलता भारतीय विमान क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी क्योकि इन विमानों के जरिये केंद्र सरकार की मत्वाकांक्षी योजना 'उड़ान' को पंख मिलेंगे। इस योजना के तहत छोटे शहरों को एयर टेक्सी के माध्यम से हवाई मार्ग से जोड़ा जायेगा। HAL कानपुर में रक्षा विभाग के लिए ट्रेनर वायुयान का निर्माण किया जाता है।
हिंदुस्तान - 228 के जरिये पहली बार सिविल वायुयान में भी HAL कानपुर ने कदम रख दिए हैं। इस अवसर पर HAL के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सजल प्रकाश ने कहा कि छोटे वायुयान के स्वदेशी निर्माण से क्षेत्रीय संपर्क का नेटवर्क मजबूत होगा।
'हिंदुस्तान - 228' में खास:-
- नवीनतम एफएआफ सर्टिफिकेशन हासिल करने वाला देश का पहला मेड इन इंडिया वायुयान बना है।
- इसका इस्तेमाल वीआईपी परिवहन , यात्री परिवहन , एयर एम्बुलेंस , फ्लाइट इंस्पेक्शन रोल , क्लाउड सीडिंग ,पैराजम्पिंग , हवाई निगरानी , फोटोग्राफी और कार्गो के लिए किया जायेगा।
- 'हिंदुस्तान - 228' में 19 यात्री सफर कर सकते है अभी इसे 19 सीटों की मंजूरी मिली है।
- इस वायुयान के परिक्षण , अनुरक्षण और लॉजिस्टिक्स की मदद HAL करेगा। इस वायुयान को उड़ान के अंतर्गत देने का फैसला लिया गया है।
- यह वायुयान राज्य के अंदर और राज्य के बीच हवाई नेटवर्क में इस वायुयान का प्रयोग किया जायेगा।