पसीने से चार्ज होगी स्मार्टवॉच | सोते-सोते भी शरीर से पैदा होगी चार्ज - True Gyan

पसीने से चार्ज होगी स्मार्टवॉच | सोते-सोते भी शरीर से पैदा होगी चार्ज




वैज्ञानिको ने सूक्ष्म बैटरी विकसित की है , जो किसी हानिकारक रसायन या भारी धातु का उपयोग नहीं किये है। स्मार्टवॉच में लगी बैटरी कलाई का पसीना सोख कर चार्ज होती हैं आईये इसे विस्तार से जानते हैं। 

वैज्ञानिकों ने एक खास तरह की बैटरी विकसित की है।  यह बिजली के बजाय पसीने से चार्ज हो सकती है। यह दरअसल सूक्ष्म बैटरी है, जो खासतौर से वियरेबल डिवाइस के लिए बनायीं गयी है। केवल 02 मिली. पसीने से यह 20 घंटे तक की पावर प्रदान करने में सक्षम है। आकर में यह डिवाइस सिर्फ 0.8 वर्ग इंच की है और यह एक चपटी पट्टी की तरह है। इसे सिंगापुर में नानयांग टेक्नोलॉजिकल विश्वविद्यालय के इंजीनीयरों ने बनाया है। 


यह एक लचीले और पसीने को सोखने वाले टेक्सटाइल से जुड़ी होती है , जिसे कलाई या ऊपरी बाह के आसपास पहना जा सकता है और स्मार्टवॉच सरीखे पहनने वाले उपकरणों में भी लगाया जा सकता है। टेक्सटाइल के पसीने को सोखने वाले गुणों का मतलब है कि यह पसीने को बरकार रख सकता है। इससे पहनने वाले के पसीने की दर में अंतर होने पर भी बैटरी को निरंतर आपूर्ति मिलती है। अगर व्यक्ति एसी में बैठा है या आराम कर रहा है और उसे पसीने नहीं आ रहा है तो भी यह बैटरी पहले से पर्याप्त पसीना बरकार रखती है। 


दरअसल जिस दर पर मानव को पसीना आता है वह न केवल शारीरिक स्थिति और पर्यावरणीय परिस्थितियों पर निर्भर होती है , बल्कि दिन के समय पर भी निर्भर करता है।




हानिकारक रसायनों से मुक्त :-
पारम्परिक बैटरियों के विपरीत पसीने से चलने वाली बैटरी के डिजाइन में स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों को नुकसान पहुंचने वाली भरी धातु या हानिकारक रसायन नहीं है। 


इसी तरह का एक उपकरण , जो आपके सोते समय आपके फ़ोन को चार्ज करने में सक्षम है और इसे आप उंगलियों के चारों ओर लपेट सकते है , वह पिछले महीने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय , सैन डिएगो के विशेषज्ञों के द्वारा जारी किया गया था। 




शोधकर्तओं के मुताबिक हमारे शरीर द्वारा उत्पादित ऊर्जा इस बैटरी की चार्जिंग का स्रोत है। उम्मीद है कि यह बैटरी सभी प्रकार के पहनने योग्य उपकरणों को ऊर्जा प्रदान करने में सक्षम होगी। 


शोधकर्ताओं ने सबसे पहले कृत्रिम मानव पसीने के साथ अपनी डिवाइस की क्षमता को दर्शाया। इससे पता चला कि यह 3.57 वाट का वोल्टेज उत्पन्न कर सकती है। इसके बाद वह व्यक्ति पर परीक्षण में 30 मिनट तक साइकिल चलते हुए इसने 4.2 वाट का वोल्टेज और 3.9 एम डब्ल्यू की आउटपुट उत्पन्न किया। 


नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक और अध्ययन के प्रमुख लेखक पुई सी ली ने कहा कि हमारी तकनीक पहनने योग्य उपकरणों के डिज़ाइन में मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि हम वियरेबल उपकरणों की चार्जिंग के लिए ऐसे ज्यादा तरीके देख रहे है जो पर्यावरण के अनुकूल हो और पारम्परिक बैटरी पर निर्भर न हों। इस मामले में यह बैटरी काफी अच्छी है। यह स्मार्टवॉच काफी अच्छी है क्योकि इसमें लगी बैटरी पारम्परिक बैटरी की तरह नहीं है। यह पसीने से चार्ज हो जाती है।