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अल्जाइमर की सटीक भविष्यवाणी के लिए वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक मॉडल विकसित किया है जो डीप लर्निंग (Deep Learning) पर आधारित है। ब्रेन (Brain) इमेज के की सहायता से 99 प्रतिशत सटीक अल्जाइमर की भविष्यवाणी की जा सकेती है ।
Kaunas University of Technology के मल्टीमीडिया इंजिनीयरिंग के शोधकर्ता रायटिस मस्केलियूनस बताते है कि दुनिया भर में डॉक्टर अल्जाइमर के शुरुआती चरण में पहचान के लिए जागरूकता बढ़ने पर जोर दे रहे है, ताकि इससे प्रभावित सभी लोगों को बेहतर इलाज का लाभ मिल सके।
अल्जाइमर के खतरे का पहला संकेत हल्का विस्मरण (भुलक्कड़पन) होता है जो उम्र बढ़ने और मनोभ्रंश की अपेक्षित संज्ञात्मक गिरावट के बीच का चरण है।
अध्ययन के लिए इसके लिए वैज्ञानिकों ने अल्जाइमर से ग्रस्त रोगियों के मस्तिष्क के स्कैन का उपयोग किया है, जिसकी मदद से उनके Deep Learning Algorithm में मस्तिष्क में होने वाले संरचनात्मक बदलावावों को खोजना सीख लिया है।
अल्जाइमर क्या होता है
जैसे जैसे उम्र बढ़ती है वैसे वैसे स्मरण सकती कमजोर पड़ने लगती है। ज्यादातर यह दिमाग के ऊतकों को नुकसान पहुंचने से होता है। इसके व्यापक परिप्रेक्ष्य में मानसिक विकार को अल्जाइमर कहा जाता है। WHO के अनुसार इसमें सबसे ज्यादा योगदान डिमेंशिया (Dementia) करीब 70 प्रतिशत का होता है।
दुनियाभर में इससे ग्रस्त लोगों की संख्या 2.4 करोड़ है और हर 20 साल में इनकी संख्या दो गुनी होने का अनुमान है। Dementia किसी एक बीमारी का नाम नहीं है है, बल्कि ये कई बिमारियों या कई लक्षणों के एक समूह का नाम है। अल्जाइमर इसमें सबसे प्रमुख बीमारी है।
यह मॉडल लिथुआनिया के AI सेक्टर के शोधकर्ताओं के सहयोग से तैयार किया गया है। इसमें रेसनेट 18 (Residual Neural Network) में सुधार कर फंक्शनल MRI को वर्गीकृत किया गया है। ये इमेज छह अलग - अलग श्रेणियों में बांटे गए, जो MCI से लेकर अल्जाइमर रोग की स्थिति तक पहुंचने के बीच के थे इस मॉडल की एक्यूरेसी 99.5 प्रतिशत रही।
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